khil jayega ye jeevan

मस्त बहारें छाने लगती हैं अनचाहे जीवन में,
खुशियाँ हजारों बस जाती हैं चुपके से मेरे मन में .
इच्छा होती है मिलकर सबसे कह दूं मन की सारी बात,
कि क्या चाहा था हो गया क्या देखो अब मेरे साथ .
मेरी चाह थी इस जीवन में कुछ ऊंचाईयों  को  छू  लूं,
उठ सकती नहीं सबसे ऊपर इस स्तर से तो उठ लूं.
पाकर थोड़ी सी सफलता प्रफुल्लित हो उठता है मन,
पा लूं मैं यदि पूर्ण सफलता खिल जायेगा ये जीवन.
,

टिप्पणियाँ

लाल कलम ने कहा…
बहुत सुन्दर
बहुत बहुत आभार
jarur mile aapko safalta...
taaki khil jaye aapka jeevan..:)

sundar abhivyakti...
kabhi hamare blog pe aayen..
बेनामी ने कहा…
"पा लूं मैं यदि पूर्ण सफलता खिल जायेगा ये जीवन"

शुभकामनाएं
Unknown ने कहा…
bahut achi abhivyakti..
Dr Xitija Singh ने कहा…
bahut khoobsurat likha hai aapne shalini ... likhti rahiye ...
प्रेम सरोवर ने कहा…
जब प्रेम ही भगवान है तब सफलता अवश्य मिलेगी।। मेरे पोस्ट पर आपका स्वागत है।
Satish Saxena ने कहा…
शीर्षक भी हिंदी में लिखती तो अच्छा लगता....हार्दिक शुभकामनायें
deepti sharma ने कहा…
bahut sunder
bahut khub

mere blog par
"main"
kabhi yaha bhi aaye

aapko nav varsh ki hardik badhayi

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

मेरी माँ - मेरा सर्वस्व

हरियाली तीज -झूला झूलने की परंपरा पुनर्जीवित हो.

योगी आदित्यनाथ जी कैराना में स्थापित करें जनपद न्यायालय शामली