सबसे ऊपर माँ का ही स्थान है मोदी जी /कृष्ण -राधाकृष्ण दोनों के जन्मदिन की बहुत बहुत शुभकामनायें


'टीचर' मोदी बोले, मां जन्म देती है, गुरु जीवन देता है

दूरदर्शन और ऑल इंडिया रेडियो पर प्रसारण
शिक्षक दिवस से एक दिन पूर्व प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिल्ली के मानेकशा ऑडीटोरियम में अलग-अलग स्कूलों के करीब 800 छात्रों और 60 अध्यापकों को संबोधित किया।
मोदी ने कहा कि जीवन में मां और गुरु दोनों का बराबर महत्व है। उन्होंने कहा कि मां एक शिशु को जन्म देती है जबकि शिक्षक उस बालक को जीवन देता है।
उन्होंने कहा कि एक शिक्षक कभी रिटायर नहीं होता, वो हमेशा खुद पढ़ा हुआ ज्ञान दूसरों को देने में लगा रहता है। मोदी ने कहा कि कल कृष्ण के साथ ही राधाकृष्ण का जन्मदिन है। विधार्थी और शिक्षक की जोड़ी जीवन जीने की कला सिखाती है।
[अमर उजाला से साभार ]
तो इस मुद्दे पर भारतवर्ष में बहुत से होंगे जो मोदी जी से अलग खड़े हों क्योंकि सब जानते हैं कि माँ न केवल जन्म देती है बल्कि वह ही शिशु की प्रथम शिक्षिका होती है और उसी के कारण परिवार बच्चे की प्रथम पाठशाला .किन्तु दूसरे स्थान पर हमारे शिक्षकों का वही महत्व है जो मोदी जी भी अभिव्यक्त कर गए है -

Sarvepalli Radhakrishnan

अर्पण करते स्व-जीवन शिक्षा की अलख जगाने में ,
रत रहते प्रतिपल-प्रतिदिन  शिक्षा की राह बनाने में .
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आओ मिलकर करें स्मरण नमन करें इनको मिलकर ,
जिनका जीवन हुआ सहायक हमको सफल बनाने में .
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जीवन-पथ पर आगे बढ़ना इनसे ही हमने सीखा ,
ये ही निभाएं मुख्य भूमिका हमको राह दिखाने में .
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खड़ी बुराई जब मुहं खोले हमको खाने को तत्पर ,
रक्षक बनकर आगे बढ़कर ये ही लगे बचाने में .
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मात-पिता ये नहीं हैं होते मात-पिता से भी बढ़कर ,
गलत सही का भेद बताकर लगे हमें समझाने में .
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पुष्प समान खिले जब शिष्य प्रफुल्लित मन हो इनका ,
करें अनुभव गर्व यहाँ ये उसको श्रेय दिलाने में .
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शीश झुकाती आज ''शालिनी ''अहर्नीय के चरणों में ,
हुए सहाय्य ये ही सबके आगे कदम बढ़ाने में .
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''श्री कृष्ण-जन्माष्टमी ''एक ऐसा पर्व जो सारे भारतवर्ष में पूरे हर्षोल्लास के साथ मनाया जाता है .अभी कुछ वर्षों से ये दो  दिन मनाया जाने लगा है .पंडितों ने इसे ''स्मार्त '' और ''वैष्णव ''में बाँट दिया है.अर्थात स्मार्त से तात्पर्य गृहस्थ जानो द्वारा और वैष्णवों से तात्पर्य कंठी माला धारण करने वाले साधू संतों द्वारा .

Krishana Wallpaper

''जो गृहस्थ जीवन  बिताते  हैं वे स्मार्त होते हैं अर्थात जो व्यक्ति जनेऊ धारण करते हैं गायत्री की उपासना करते हैं और वेद पुराण  ,धर्म शास्त्र ,समृत्ति को मानने वाले पञ्च वेदोंपासक हैं सभी स्मार्त हैं.
वैष्णव वे लोग होते हैं जिन लोगों ने वैष्णव गुरु से तप्त मुद्रा द्वारा अपनी भुजा  पर शंख चक्र अंकित करवाएं हैं या किसी धर्माचार्य से  विधिपूर्वक दीक्षा लेकर कंठी और तुलसी की माला धारण की हुई है .वे ही वैष्णव कहला सकते हैं अर्थात वैष्णव को सीधे शब्दों में कहें तो गृहस्थ से दूर रहने वाले लोग.

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सामान्य जन इसे मथुरा  और गोकुल में बाँट देते हैं अर्थात एक दिन मथुरा में कृष्ण के पैदा होने की ख़ुशी में मनाई  जाती  है और एक दिन गोकुल में कृष्ण के आगमन की ख़ुशी में मनाई जाती है.वैसे बहुत से स्थानों पर यह पर्व कई दिन चलता है और कृष्ण की छठी मनाकर ही इसे सम्पन्न किया जाता है.
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बचपन से ही इस पर्व से हमारी बहुत सी यादें जुडी हैं हमें कहीं कृष्ण जी बना दिया जाता तो एक समय तक तो हम इस लालच में खड़े रहते कि सभी आकर हमारी जय बोल  रहे हैं और हमारे चरण छू रहे हैं  किन्तु जब हम खड़े खड़े थक जाते तो एक समय आने पर   हम झांकियां देखने को अपना स्थान त्याग भाग जाते और जगह जगह कृष्ण  जन्माष्टमी की झांकियों का आनंद लेते .


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भगवान श्री कृष्ण का जन्म भाद्रपद कृष्ण अष्टमी बुधवार को रोहिणी नक्षत्र में अर्धरात्रि  के समय वृष के चंद्रमा में हुआ था .आज देखा जाये तो कृष्ण के अनुयायी बहुत बड़ी संख्या में हैं .राम व् कृष्ण दोनों भगवान विष्णु के अवतार हैं और दोनों की लीलाएं अद्भुत हैं किन्तु एक मत यह भी प्रचलित है कि जहाँ राम की लीला थम जाती है कृष्ण लीला वहीँ से आरम्भ होती है राम मर्यादा पुरुषोत्तम हैं तो कृष्ण चंचल नटखट हैं और हर वह कार्य करने वाले हैं जिसे असंभव समझा  जाये.पूतना का वध जरा से बालक द्वारा ,कालिया नाग का मर्दन नन्हे से बालक द्वारा ऐसे कई कार्य हैं जो श्री कृष्ण ने किये और जिनके बारे में कोई सोच भी नहीं सकता.
कल पूरे भारत वर्ष में हर्षोल्लास से कृष्ण जन्माष्टमी का पर्व मनाया जायेगा और यही वह अखंड आनंद है जिससे हमारा मन ओत-प्रोत हो उठता  है.
इस बार स्मार्तों व् गृहस्थों दोनों की जन्माष्टमी एक ही दिन है और यह हम सभी के लिए प्रसन्नता की बात है और उससे भी ज्यादा प्रसन्नता इसमें है जो मोदी जी ने भी कहा है कि इस बार कृष्ण व् राधाकृष्ण दोनों का जन्मदिन एक ही साथ है तो इस शुभ अवसर पर आप सभी को कृष्ण जन्माष्टमी व्  राधा कृष्ण जी के जन्मदिन दोनों की ही बहुत बहुत शुभकामनायें
शालिनी कौशिक
[कौशल ]

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