वास्तव में ऐसा प्रधानमंत्री पहले कभी नहीं मिला


परमाणु सम्मेलन में भाग लेने जा रहे दोनों पीएम
कहने वाले कह गए हैं -
''कोई दुश्मन भी मिले तो करो बढ़कर सलाम ,
 पहले खुद झुकता है औरों को झुकाने वाला .''
   अपने शपथ ग्रहण समारोह से लेकर आजतक भारतीय प्रधानमंत्री मोदी और पाक प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ की कई मुलाकातें भी हो चुकी हैं और कई उपहारों का आदान प्रदान भी ,जो शायद करने वाले भारतीय प्रधानमंत्री के अनुपम ह्रदय की मिसाल कही जा सकती है क्योंकि हमने आजतक किसी भी भारतीय प्रधानमंत्री को पाक समकक्ष पर इतना उदार नहीं देखा होगा हो भी क्यों न भारत देश को आजतक इतना श्रेष्ठ प्रधानमंत्री मिला ही कहाँ था ?और वे भाजपा के हैं जो कि शायद देश का एकमात्र संगठन है [आर.एस.एस. के बाद आर.एस.एस.राजनीतिक संगठन नहीं है न ] जो देश से प्यार करता है और इसीलिए  देश के सबसे बड़े दुश्मन से अपने सिद्धांतों को ताक पर रखकर भी मिलता रहता है ये इनके देश से प्यार करने की एक अद्भुत मिसाल है और इस मिसाल के कारण हमें इन्हें शत शत नमन करना ही चाहिए .अभी अभी प्राप्त समाचारों के अनुसार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ के बीच अगले महीने अमेरिका में मुलाकात हो सकती है। दोनों अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा की मेजबानी में आयोजित परमाणु सम्मेलन में भाग लेने जा रहे हैं।

पाकिस्तान के अखबार डॉन में छपी खबर के अनुसार दोनों देशों के प्रधानमंत्रियों ने वाशिंगटन में 31 मार्च और एक अप्रैल को होने वाले कार्यक्रम का न्योता स्वीकार कर लिया है।

एक वरिष्ठ अधिकारी ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि मोदी और शरीफ के बीच इस कार्यक्रम से अलग मुलाकात होने की संभावना प्रबल है।
    और जैसे कि इनकी हर मुलाकात देश पर किये गए एहसान के समान रही है ये भी रहेगी ये सभी भारतीयों को ज्ञात है और इसलिए कुछ न कहते हुए इन्हें हार्दिक शुभकामनायें ही दी जा सकती हैं भले ही हमारे मन   के भाव ये हो -
''अपने दुश्मन की खुशामद से ये बेहतर होगा ,
 अपनी रखी हुई तलवार उठा ली जाये .''

शालिनी कौशिक
   [कौशल ]

टिप्पणियाँ

आपकी इस प्रविष्टि् की चर्चा कल रविवार (21-02-2016) को "किन लोगों पर भरोसा करें" (चर्चा अंक-2259) पर भी होगी।
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सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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हार्दिक शुभकामनाओं के साथ
सादर...!
डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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